NATURE

प्रकृति से खिलवाड़ पर्यावरण असंतुलन- विभा श्रीवास्तव

प्रकृति से खिलवाड़ पर्यावरण असंतुलन किलकारियाँ, खिलखिलाहट, अठखेलियाँ हवा के संग ….हमे बहुत याद आता है।बादलो का गर्जना ,बिजलियों का कड़कना ,और इन्द्रधनुष के रंग….हमे भी डराता और हसाता है। तितलियों का उड़ना ,भौरो का गुनगुनाना ,ये सब …..तुम्हे भी…

क्यों जाति की बात करें

क्यों जाति की बात करें(१६,१६) जब जगत तरक्की करता हो,देश तभी उन्नति करता है।जब मानव सहज विकास करे,क्यों जाति द्वेष की बात करें। जाति धर्म मे पैदा होना,मनुजों की वश की बात नहीं,फिर जाति वर्ग की बात करेंयह सच्ची अच्छी…