हे प्रभु मेरी विनती सुन लो – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम “

इस रचना में प्रभु भक्ति के माध्यम से जीवन को दिशा मिले इसका प्रयास किया गया है |
हे प्रभु मेरी विनती सुन लो , प्रभु दर्शन की आस जगा दो – भजन – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम “

चंद फूलों की खुशबू – अनिल कुमार गुप्ता

यह एक ग़ज़ल है जिसमे जिन्दगी को रोशन किस तरह से किया जाए इस बारे में जिक्र किया गया है |
चंद फूलों की खुशबू से कुछ नहीं होता – ग़ज़ल – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम “

कोशिश फिर से करते हैं

कोशिश फिर से करते हैं आओ एक कोशिश फिर से करते हैं,टूटी हुई शिला को फिर से गढ़ते हैं।आओ एक कोशिश फिर से करते हैं,हाँ, मैं मानता हूँइरादे खो गए,हौसले बिखर गए,उम्मीद टूट चुकी,सपनों ने साथ छोड़ दिया,हमने कई अपनों को गवाया,अपनों से खूब छलावा पाया,तो क्या हुआ? अभी तक जिंदगी ने हार नहीं मानी … Read more

ये भी विकलांगता है

ये भी विकलांगता है नर मूर्तियाँ बना प्रभु ने ,किया काम उत्तमता है।रह गयी कुछ कमियाँ,जग कहे अपंगता है।ये भी……………….। पाँव एक ही होकर भी ,गिरी राज लांघता है ।जो है दो पैरों वाला,देखो टाँग खींचता है।ये भी……………….। पैदा हुआ है मंद बुद्धि,खामोश ही रहता है।जो ज्ञान का सागर बन,गर समाज बाँटता है।ये भी………………..। जिनके … Read more

दीप शिखा- ( ताटंक छंद विधान )

दीप शिखा- ( ताटंक छंद विधान ) सुनो बेटियों जीना है तो,शान सहित,मरना सीखो।चाहे, दीपशिखा बन जाओ,समय चाल पढ़ना सीखो। रानी लक्ष्मी दीप शिखा थी,तब वह राज फिरंगी था।दुश्मन पर भारी पड़ती पर,देशी राज दुरंगी था।१.बहा पसीना उन गोरों को,कुछ द्रोही रजवाड़े में।हाथों में तलवार थाम मनु,उतरी युद्ध अखाड़े में। अंग्रेज़ी पलटन में उसने,भारी मार … Read more