सरस के दोहे -दिलीप कुमार पाठक सरस
सरस के दोहे 1-जय माता हे शारदे ,मेटो मन का मैल|हस्त रखा जब शीश पर, गया उजाला फैल|| 2-साफ सफाई जो करे, रहता स्वस्थ निरोग|तन मन जिसका स्वस्थ है,उसके सारे भोग|| 3-जय जय हिन्दी घर मिला, प्यार मिला भरपूर|आप सभी इस दास को, करना मत अब दूर|| 4-कूड़ा कूड़ादान में, डाले हर परिवार |दूर रखो … Read more