सरस के दोहे -दिलीप कुमार पाठक सरस

सरस के दोहे 1-जय माता हे शारदे ,मेटो मन का मैल|हस्त रखा जब शीश पर, गया उजाला फैल|| 2-साफ सफाई जो करे, रहता स्वस्थ निरोग|तन मन जिसका स्वस्थ है,उसके सारे भोग|| 3-जय जय हिन्दी घर मिला, प्यार मिला भरपूर|आप सभी इस दास को, करना मत अब दूर|| 4-कूड़ा कूड़ादान में, डाले हर परिवार |दूर रखो … Read more

जय गुरुदेव

भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने गुरु की गरिमा को तब शीर्षस्थ स्थान सौंपा जब वे भारत जैसे महान् राष्ट्र के राष्ट्रपति बने। उनका जन्म दिवस ही शिक्षक दिवस के रूप … Read more

वक़्त पर हमने अगर ख़ुद को संभाला होता

वक़्त पर हमने अगर ख़ुद को संभाला होताज़ीस्त में मेरी उजाला ही उजाला होता दरकते रिश्तों में थोड़ी सी तो नमी होतीअपनी जुबान को जो हमने सम्हाला होता तुमको भी ख़ौफेे – खुदा यार कहीं तो होताकाश ! रिश्तों को मोहब्बत से संभाला होता दर- ब -दर ढूंढ़ रहा जिसको बशर पत्थर मेंकाश ! दिल … Read more

यह समय है सोच का-मधुसिंघी

यह समय है सोच का भाग रहा मानव से मानव , डर समाया मौत का।कोरोना वायरस ले आया , एक साया खौफ का।।मनु पड़ गया उलझन में , कैसे बचूँ इस विपदा से।भीड़ में हुआ अकेला , विश्वास नहीं है और का।। प्रकृति पर हो गया हावी , सोचा यह तो मुट्ठी में।चाँद पर घूम … Read more

उत्सव की घड़ियाँ-मधुसिंघी

गणपति को विघ्ननाशक, बुद्धिदाता माना जाता है। कोई भी कार्य ठीक ढंग से सम्पन्न करने के लिए उसके प्रारम्भ में गणपति का पूजन किया जाता है। भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का दिन “गणेश चतुर्थी” के नाम से जाना जाता हैं। इसे “विनायक चतुर्थी” भी कहते हैं । महाराष्ट्र में यह उत्सव सर्वाधिक … Read more