हाइकु मंजूषा
1
चल रही है
चुनावी हलचल
प्रजा से छल
2
भरोसा टूटा
किसे करें भरोसा
सबने लूटा
3
शासन तंत्र
बदलेगी जनता
हक बनता
4
धन लोलूप
नेता हो गए सब
अब विद्रूप
5
मंडरा रहा
भविष्य का खतरा
चुनौती भरा
6
खल चरित्र
जीवन रंगमंच
न रहे मित्र
7
प्यासी वसुधा
जो शान्त करती है
सबकी क्षुधा
8
नदी बनाओ
जल संरक्षण का
वादा निभाओ
9
गरीब लोग
निहारते गगन
नोट बरसे
10
आर्थिक मंदी
किसकी विफलता
दुःखी जनता
पद्म मुख पंडा
ग्राम महा पल्ली