कुछ तोड़ें कुछ जोड़ें
चलो
आज कुछ
रिश्ते तोड़ें,
चलों
आज कुछ
रिश्तें जोड़ें…..!
प्लास्टिक,पॉलीथीन
बने अंग जो जीवन के
इनसे नाता तोड़ें,
जहाँ-तहाँ
कचरा फेंकना,
नदियों का पानी
दूषित करना
इस आदत को भी छोड़ें…!!
अलग-अलग हो कचरा
जैविक और अजैविक
हर घर में खुदा
एक गड्ढा हो
सब गीला कचरा
उसमें पड़ता हो
उससे जैविक खाद बनायें
जैविक खाद बनाना मुश्किल
इस मिथक को तोड़ें…..!!!
दिवस विशेष हो कोई अपना
एक पौधा अवश्य लगायें
बच्चे जैसी सार-संभाल कर
उसको वृक्ष बनायें
पौधों से रिश्ता जोड़,
पर्यावरण मित्र बनें
विरासत में सौंपने
स्वच्छ पर्यावरण
अनुचित के सम्मुख तनें…..
डा० भारती वर्मा बौड़ाई
देहरादून, उत्तराखंड