कंगन की खनक समझे चूड़ी का संसार

कंगन की खनक समझे चूड़ी का संसार नारी की शोभा बढ़े, लगा बिंदिया माथ।कमर मटकती है कभी, लुभा रही है नाथ। कजरारी आँखें हुई,  काजल जैसी रात।सपनों में आकर कहे,  मुझसे मन की बात। कानों में है गूँजती, घंटी झुमकी…

धूल पर दोहे

धूल पर दोहे पाहन नारी हो गई,पाकर पावन धूलप्रभु श्रीराम करे कृपा,काँटे लगते फूल महिमा न्यारी धूल की,केंवट करे गुहारप्रभु पग धोने दीजिए,तभी चलूँ उस पार मातृभूमि की धूल भी,होता मलय समानबड़भागी वह नर सखी,त्यागे भू पर प्रान आँगन में…

बस तेरा ही नाम पिता

बस तेरा ही नाम पिता        उपर से गरम अंदर से नरम,ये वातानुकूलित इंसान है!पिता जिसे कहते है मित्रो,वह परिवार की शान है!! अच्छी,बुरी सभी बातो का,वो आभास कराते है!हार कभी ना मानो तुम तो,हर पल हमै बताते…

डाँ. आदेश कमार पंकज के दोहे

डाँ. आदेश कमार पंकज के दोहे पाई पाई जोड़ के बना खूब धनवान । संस्कार नहीं जानता कैसा तू नादान ।। करता लूट खसोट है वा रे वा इन्सान । लालच में है घूमता बिगड़ गई सन्तान ।। क्यों तू…

सामाजिक बदलाव पर छत्तीसगढ़ी कविता

सामाजिक बदलाव पर छत्तीसगढ़ी कविता करलई होगे संगी ,करलई होगे गा।छानी होगे ढलई ,करलई होगे गा ।।पहिली के माटी घर ,मोला एसी लागे।करसी के पानी म ,मोर पियास भागे।मंझन पहा दन, ताश अऊ कसाड़ी म।टेढ़ा फंसे रे ,   हमर बिरथा-बाड़ी…