अंतर्द्वंद्व बड़ा अलबेला
अंतर्द्वंद्व बड़ा अलबेला द्वंद्वभरी जीवन की राहें,भटक रहे तुम मन अलबेले!संतोषी मग पकड़ बावरे,इस जीवन के बड़े झमेले!! तृप्त हुआ तू नहीं आज तक,मनमर्जी रथ को दौड़ाया!चौराहे पर फिरा भटकता,ज्यों कुंजर वन में बौराया!दृग ऊपर माया का पर्दा,देखे सपने सदा नवेले!संतोषी मग पकड़ बावरे,इस जीवन के बड़े झमेले!!……(१) पैसा पैसा जोड़ बैंक में,मन ही मन … Read more