पर्यावरण बचाव पर कविता

पर्यावरण बचाव पर कविता 1-पर्यावरण बचाइए, कहता पूरा देश |एक लगाओ पेंड़ जो, बदलेगा परिवेश||2-हरे भरे रखना सदा ,हरियाली के केश|महके तन मन गंध से,पर्यावरण विशेष||3-पर्यावरण पुकारता, ले लो प्रेम…

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पर्यावरण हमारा /आचार्य मायाराम ‘पतंग’

पर्यावरण हमारा /आचार्य मायाराम 'पतंग' हमको जीवन देता है यह पर्यावरण हमारा । इसे नष्ट करने से होगा जीवन नष्ट हमारा ॥ अज्ञानी हम ज्ञान राशि, औरों को बाँट रहे…

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पेड़ की पुकार / सुनहरी लाल वर्मा ‘तुरंत’

पेड़ की पुकार / सुनहरी लाल वर्मा 'तुरंत' रो-रोकर एक पेड़ लकड़हारे से एक दिन बोला क्यों काटता मुझको भैया तू है कितना भोला ! सोच समझ फिर बता मुझे…

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दान पर दोहे / डॉ एनके सेठी

दान पर दोहे देवें दान सुपात्र को,यही न्याय अरु धर्म।तज दें मन से मोह को,सत्य यही है कर्म।।1।। न्याय दानऔर धर्म का,अब हो रहाअभाव।आज जगत से मिट रहा,आपस का सद्भाव।।2।।…

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फ़ैसले से फ़ासला इंसाफ़ का होने लगा/ रेखराम साहू

-- फ़ैसले से फ़ासला इंसाफ़ का होने लगा-- फ़ैसले से फ़ासला इंसाफ़ का होने लगा।यह तमाशा देखकर फ़रियाद है रोने लगा।। पाप दामन में बहुत हैं,पर उसे परवाह कब?गंग वह…

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परशुराम की प्रतीक्षा / रामधारी सिंह “दिनकर”

परशुराम की प्रतीक्षा / रामधारी सिंह "दिनकर" गरदन पर किसका पाप वीर ! ढोते हो ?शोणित से तुम किसका कलंक धोते हो ? उनका, जिनमें कारुण्य असीम तरल था,तारुण्य-ताप था…

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सपनों का दाना /मनीभाई नवरत्न

सपनों का दाना /मनीभाई नवरत्न जमीन में दफन होकरपसीने से सिंचितकड़ी देखभाल मेंउगता है ,सपनों का दाना बनके। लाता है खुशियां;जगाता है उम्मीद,कर्ज चुकता करने की।पर रह नहीं पाताअपने जन्मदाता…

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कृषक मेरा भगवान / मनीभाई नवरत्न

कृषक मेरा भगवान / मनीभाई नवरत्न मैंने अब तकजब से भगवान के बारे में सुना ।न उसे देखा,न जाना ,लेकिन क्यों मुझे लगता हैकि कहीं वो किसान तो नहीं।। उस…

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बाधाओं से भय न हमें हम तूफानों में चलते हैं

बाधाओं से भय न हमें हम तूफानों में चलते हैं बाधाओं से भय न हमें, हम तूफानों में चलते हैं ।। पथ चाहे घोर अँधेरा हो, दु:ख द्वंद्वों ने जब…

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वह नूर पहचाना नहीं/ रेखराम साहू

वह नूर पहचाना नहीं/ रेखराम साहू क्या ख़ुदा की बात,अपने आप को जाना नहींं।साँच है महदूद,मेरी सोच तक माना नहीं ।। ज़िंदगी हँसकर,रुलाकर मौत यह समझा गईं।दुश्मनी है ना किसी…

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