
शाकाहार पर दोहे/ नीरामणी श्रीवास नियति
यहां दोहे के माध्यम से शाकाहार के महत्व के बारे में बताया गया है
यहां दोहे के माध्यम से शाकाहार के महत्व के बारे में बताया गया है
इस कविता में शाकाहार ना अपनाने पर आई विपत्तियों के बारे में बताया गया है।
इस कविता में शाकाहार अपनाने पर जोर दिया जा रहा है
यहां शाकाहार पर आधारित कुछ दोहे दिए गए हैं
शाकाहारी जीवन करें व्यतीत जन्म हुआ मानव का लेकर ,सौम्य प्रकृति आधार।तृण- तृण इसके रग- रग में है,रचता रहता सार।अंग सभी प्रत्यंग सजे हैं,सात्विक शक्ति शरीर,मन का मनका प्रस्तुत करता ,मन ही मन आभार। है विकास के पथ पर चलता,रज…