परवाह करने वाले – विनोद सिल्ला

परवाह करने वालेहोते हैं कम हीपरवाह करने वालेहोता है हर एक इस्तेमाल करने वालावास्तव मेंपरवाह करने वालेइस्तेमाल नहीं करतेवहीं इस्तेमाल करने वालेपरवाह नहीं करते पहचानिएकौन हैं परवाह करने वालेकौन हैं…

श्रीराम पर कविता – बाबूराम सिंह

कविता भक्त वत्सल भगवान श्रीराम -----------------------------------------सूर्यवंशी सूर्यकेअवलोकि सुचरित्र -चित्र,तन - मन रोमांच हो अश्रु बही जात है।सुखद- सलोना शुभ सदगुण दाता प्रभु ,नाम लेत सदा भक्त बस में हो जातहैं।नाम…

सुफल बनालो जन्म कृष्णनाम गायके – बाबूराम सिंह

सुफल बनालो जन्म कृष्णनाम गायके कृष्ण सुखधाम नाम परम पुनीत पावन ,पतित उध्दार में भी प्यार दिखलाय के।कर की मुरलिया से मोहे त्रिलोक जब ,सुफल बना लो जन्म कृष्ण नाम…

जीवन पर कविता – नीरामणी श्रीवास

सिंहावलोकनी दोहा मुक्तकजीवनजीवन के इस खेल में,कभी मिले गर हार ।हार मान मत बैठिए , पुनः कर्म कर सार ।।सार जीवनी का यही , नहीं छोड़ना आस ।आस पूर्ण होगा…

लेखनी तू आबाद रहे – बाबूराम सिंह

कविता लेखनी तू आबाद रह ------------------------------- जन-मानस ज्योतित कर सर्वदा, हरि भक्ति प्रसाद रह। लेखनी तूआबाद रह। पर पीडा़ को टार सदा, शुभ सदगुण सम्हार सदा। ज्ञानालोक लिए उर अन्दर,…

क्यों करता हूँ कागज काले – डी कुमार–अजस्र

कविता संग्रह क्यों करता हूँ कागज काले.. क्यों करता हूं कागज काले ...??बैठा एक दिन सोच कर यूं ही ,शब्दों को बस पकड़े और उछाले ।आसमान यह कितना विस्तृत ..?क्या…

चलो,चले मिलके चले – रीतु प्रज्ञा

विषय-चलों,चले मिलके चलेविधा-अतुकांत कविता*चलो,चले मिलके चले*ताली एक हाथ सेनहीं बजती कभीचलने के लिए भीहोती दोनों पैरों की जरूरतफिर तन्हा रौब से न चले,चलो,चले मिलके चले।शक्ति है साथ मेंनहीं विखंड कर…

नशा नर्क का द्वार है – बाबूराम सिंह

हिंदी कविता - नशा नर्क का द्वार है मानव आहार के विरूध्द मांसाहार सुरा,बिडी़ ,सिगरेट, सुर्ती नशा सब बेकार है।नहीं प्राणवान है महान मानव योनि में वो,जिसको लोभ ,काम,कृपणता से…

प्रात: वन्दन – हरीश बिष्ट

जन-जन  की रक्षा है  करती |भक्तजनों  के दुख भी हरती ||ऊँचे   पर्वत   माँ   का   डेरा |माँ   करती   है  वहीं  बसेरा ||भक्त   पुकारे   दौड़ी   आती |दुष्टजनों   को   धूल  चटाती ||भक्तों   की…

जय जय हनुमान पर कविता हिंदी में – बाबूराम सिंह

जय जय हनुमान पर कविता हिंदी हनुमान जी पर कविता जय भक्त शिरोमणि शरणागत जय हो कृपानिधान।जयबजरंगी रामदूत जय पवनपुत्र जय जय हनुमान।।जय आनंद कंदन केशरी नंदन जग वंदन शुभकारी।जय…