करवा चौथ पर कविता

पति-व्रता की प्रार्थना / शिवराज सिंह चौहान

यह कविता एक पतिव्रता स्त्री की भावनाओं और समर्पण को दर्शाती है, जो करवा चौथ के व्रत के दौरान अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती है। वह पूरे दिन व्रत रखती है, सोलह श्रृंगार करती है,…

शरद पूर्णिमा पर कविता

शरद पूर्णिमा / डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’

शरद पूर्णिमा हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जिसे भारत के विभिन्न भागों में बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है। इसे कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। शरद पूर्णिमा अश्विन महीने  की…

dashhara par kavita

रावन मारे बर बड़ हुसियार / राजकुमार ‘मसखरे’

इस कविता में समाज के उन लोगों या नेताओं की आलोचना करता है जो जनता के अधिकारों और संसाधनों का दुरुपयोग करते हैं। “बहुरूपिया” का मतलब ऐसे लोग जो अपनी असली पहचान छिपाकर छल करते हैं। इसे समाज में जागरूकता…

बड़ अच्छा लगथे / राजकुमार ‘मसखरे

बड़ अच्छा लगथे “छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया”ये नारा बड़ अच्छा लगथे !ये नारा बनइया के मन भरपयलगी करे के मन करथे !! जब छत्तीसगढ़िया मनगुजराती लॉज/राजस्थानी लॉज म रुकथेहरियाणा जलेबी/बंगाली चाय के बड़ई करथेबड़ अच्छा लगथे !! जब छत्तीसगढ़िया मनअपन घर…

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बेटियाँ हैं रब्ब की दुआओं जैसी / राकेश राज़ भाटिया

“बेटियाँ हैं रब्ब की दुआओं जैसी” – राकेश राज़ भाटिया द्वारा लिखी गई यह खूबसूरत कविता बेटियों के अनमोल होने का एहसास कराती है। बेटियाँ वो उपहार हैं, जो जीवन में खुशियों और दुआओं की सौगात लाती हैं। बेटियाँ हमारी…