बेटियाँ हैं रब्ब की दुआओं जैसी / राकेश राज़ भाटिया

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“बेटियाँ हैं रब्ब की दुआओं जैसी” – राकेश राज़ भाटिया द्वारा लिखी गई यह खूबसूरत कविता बेटियों के अनमोल होने का एहसास कराती है। बेटियाँ वो उपहार हैं, जो जीवन में खुशियों और दुआओं की सौगात लाती हैं। बेटियाँ हमारी जिंदगी में खुशियाँ लाती हैं, जो हमें आशीर्वादित करती हैं और हमारे जीवन को आनंद … Read more

बिटिया का सुख प्यारा / शिवराज सिंह चौहान

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बिटिया का सुख प्यारा जग में सुंदर और सलोना,                    रिश्ता है यह न्यारा।प्यार जहां सरोबार बरसता,                बिटिया का सुख प्यारा।। बेटी ::मात पिता पर कभी भी कोई,                       संकट है आ जाए।दूर बैठ भी दुख को “बांटे,”                   वह “बेटी” कहलाए।। पुत्री ::नहीं भरोसा आज किसी का,                        बेटा हो या भाई। “पूरी उतरे” बात पे अपनी,                    “पुत्री” … Read more

दरिद्र कौन / पद्ममुख पंडा

दरिद्र कौन / पद्ममुख पंडा

“दरिद्र कौन” कविता, कवि पद्ममुख पंडा द्वारा रचित है। यह कविता उन लोगों पर आधारित है जो वास्तविक दरिद्रता (गरीबी) और स्वाभिमान को पहचानते हैं। इसमें कवि यह संदेश देने की कोशिश करते हैं कि दरिद्रता केवल धन की कमी नहीं होती, बल्कि नैतिक मूल्यों, दया और संवेदना की कमी भी दरिद्रता का रूप होती … Read more

राउत नाचा पर कविता

राउत नाचा पर कविता

शिवकुमार श्रीवास “लहरी” छत्तीसगढ़ के एक प्रसिद्ध कवि हैं। उनकी यह कविता “राउत नाचा” छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोक संस्कृति और विशेषकर राउत नाच पर केंद्रित है। राउत नाच छत्तीसगढ़ का एक लोकप्रिय नृत्य है जो अपनी अनूठी शैली और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। कवि ने इस कविता के माध्यम से राउत नाच … Read more

चँदैनी पर कविता

चँदैनी पर कविता

शिवकुमार श्रीवास “लहरी” छत्तीसगढ़ के एक प्रसिद्ध कवि हैं। उनकी यह कविता “चँदैनी पर रोला” छत्तीसगढ़ की लोककथा लोरिक-चंदा पर आधारित है। इस कविता के माध्यम से उन्होंने छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति और विशेषकर चंदैनी नृत्य को रोचक ढंग से प्रस्तुत किया है। चँदैनी पर कविता काव्य विधा : –रोला कथा नृत्य दो रूप, चँदैनी … Read more