काँटों में राह बनाते हैं – रामधारी सिंह ‘दिनकर’

काँटों में राह बनाते हैं सच है विपत्ति जब आती हैकायर को ही दहलाती हैसूरमा नहीं विचलित होतेक्षण एक नहीं धीरज खोते,विघ्नों को गले लगाते हैं।काँटों में राह बनाते हैं। है कौन विघ्न ऐसा जग मेंटिक सके आदमी के मन में,खम ठोंक ठेलता है जब नरपर्वत के जाते पाँव उखड़,मानव जब जोर लगाता है।पत्थर पानी … Read more

प्रेरणा दायक कविता – यह राह नहीं है फूलों की

प्रेरणा दायक कविता – यह राह नहीं है फूलों की यह राह नहीं है फूलों की, काँटे ही इस पर मिलते हैं।लेकर के दर्द जमाने का, बस हिम्मत वाले चलते हैं। यह राह… कब किसने कहा था ईसा से, तुम सूली के सोपान चढ़ो।किसने सुकरात को समझाया, विष के प्याले की ओर बढ़ो॥जिसने असली आवाज … Read more

प्रेरणा दायक कविता – रामकुमार चतुर्वेदी ‘चंचल’

प्रेरणा दायक कविता – रामकुमार चतुर्वेदी ‘चंचल’ जाग भारतवर्ष के सोए हुए अभिमान आँख में अंगार, साँसों में लिए तूफान,जाग, भारतवर्ष के सोए हुए अभिमान। धर्म-पुत्रों ने नहीं देखा कपट का जाल,फाँसती ही गई उनको शत्रु की हर चाल।भीम-अर्जुन भी रहे अपमान भीषण झेल,बहुत महँगा पड़ रहा है, यह जुए का खेल।द्रौपदी-सी चीखती है यह … Read more

प्रेरणा दायक कविता – श्री सुमित्रानंदन पंत

प्रेरणा दायक कविता- प्राणों से भी प्यारा देश- श्री सुमित्रानंदन पंत प्राणों से भी प्यारा, भारत, सब देशों से न्यारा है।प्राणों से भी प्यारा है। सब देशों से…. गंगा यमुना की धाराएँ, हिमगिरि की उत्तुंग शिखाएंकेशर की क्यारी नंदन वन, हरियाली केरल मन भाए।सागर अर्घ्य चढ़ाता नित-नित, शीष चरण रज धारा है। प्राणों से वर्षा … Read more

प्रेरणा दायक कविता – लो आज बज उठी रणभेरी

प्रेरणा दायक कविता – लो आज बज उठी रणभेरी माँ कब से खड़ी पुकार रही पुत्रो निज कर में शस्त्र गहोसेनापति की आवाज हुई तैयार रहो, तैयार रहोआओ तुम भी दो आज विदा अब क्या अड़चन अब क्या देरी?लो आज बज उठी रणभेरी॥ पैंतीस कोटि लड़के-बच्चेजिसके बल पर ललकार रहेवह पराधीन बन निज गृह मेंपरदेशी … Read more