खिलते हैं गुल यहाँ / गोपालदास “नीरज”

खिलते हैं गुल यहाँ / गोपालदास “नीरज” खिलते हैं गुल यहाँ, खिलके बिखरने कोमिलते हैं दिल यहाँ, मिलके बिछड़ने कोखिलते हैं गुल यहाँ… कल रहे ना रहे, मौसम ये प्यार काकल रुके न रुके, डोला बहार काचार पल मिले जो आज, प्यार में गुज़ार देखिलते हैं गुल यहाँ… झीलों के होंठों पर, मेघों का राग … Read more

दिल आज शायर है / गोपालदास “नीरज”

दिल आज शायर है / गोपालदास “नीरज” दिल आज शायर है, ग़म आज नग़मा हैशब ये ग़ज़ल है सनमगैरों के शेरों को ओ सुनने वालेहो इस तरफ़ भी करम आके ज़रा देख तो तेरी खातिरहम किस तरह से जियेआँसू के धागे से सीते रहे हमजो ज़ख्म तूने दियेचाहत की महफ़िल में ग़म तेरा लेकरक़िस्मत से … Read more

लिखे जो खत तुझे / गोपालदास “नीरज”

लिखे जो खत तुझे / गोपालदास “नीरज” लिखे जो ख़त तुझेवो तेरी याद मेंहज़ारों रंग केनज़ारे बन गए सवेरा जब हुआतो फूल बन गएजो रात आई तोसितारे बन गए कोई नगमा कहीं गूँजा, कहा दिल ने के तू आईकहीं चटकी कली कोई, मैं ये समझा तू शरमाईकोई ख़ुशबू कहीं बिख़री, लगा ये ज़ुल्फ़ लहराई फ़िज़ा … Read more

शोखियों में घोला जाए फूलों का शबाब / गोपालदास “नीरज”

शोखियों में घोला जाए फूलों का शबाब / गोपालदास “नीरज” शोखियों में घोला जाये, फूलों का शबाबउसमें फिर मिलायी जाये, थोड़ी सी शराबहोगा यूँ नशा जो तैयारहाँ…होगा यूँ नशा जो तैयार, वो प्यार है शोखियों में घोला जाये, फूलों का शबाबउसमें फिर मिलायी जाये, थोड़ी सी शराब,होगा यूँ नशा जो तैयार, वो प्यार हैशोखियों में … Read more

वो हम न थे वो तुम न थे / गोपालदास “नीरज”

वो हम न थे वो तुम न थे / गोपालदास “नीरज” वो हम न थे, वो तुम न थे, वो रहगुज़र थी प्यार कीलुटी जहाँ पे बेवजह, पालकी बहार कीये खेल था नसीब का, न हँस सके, न रो सकेन तूर पर पहुँच सके, न दार पर ही सो सके *कहानी किससे ये कहें, चढ़ाव … Read more