लिखे जो खत तुझे / गोपालदास “नीरज”
लिखे जो खत तुझे / गोपालदास “नीरज” लिखे जो ख़त तुझेवो तेरी याद मेंहज़ारों रंग केनज़ारे बन गए सवेरा जब हुआतो फूल बन गएजो रात आई तोसितारे बन गए कोई नगमा कहीं गूँजा, कहा दिल ने के तू आईकहीं चटकी कली कोई, मैं ये समझा तू शरमाईकोई ख़ुशबू कहीं बिख़री, लगा ये ज़ुल्फ़ लहराई फ़िज़ा … Read more