प्रस्तुत हिंदी कविता का शीर्षक साक्षरता है जो कि साक्षरता का अर्थ बताती कविता हैं
साक्षरता का अर्थ बताती कविता
‘साक्षरता ‘ जैसा अक्षर नहीं,
जिसका क्षरण सम्भव नहीं
सा से बना सामंजस्य,
क्ष से मिले क्षमता
र से करते रचना
ता से तारतम्यता।
जिसने वरण किया साक्षरता का गहना ,
उसे फिर सजना ही सजना ।
अलौकिक छबि का यह है आइना,
रूप दिखाये सुंदर सलोना ।
साक्षरता से आता संस्कार,
संस्कृति और सभ्यता का मिले उपहार ।
साक्षरता लाए उच्च विचार,
सुरभित हो जीवन, महके सदाचार ।
समय की है यही पुकार,
जिससे होगा सबका उद्धार ।
साक्षर बनाने में जुट जाएँ हम,
भारत के ललाट को दमकाए हम।
माला ‘पहल’ मुंबई
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