संयुक्त राष्ट्र संघ का सपना -बृजमोहन श्रीवास्तव “साथी”

संयुक्त राष्ट्र संघ का सपना

संयुक्त राष्ट्र संघ का सपना ,
                मानव श्रेष्ठ बनाना है ।
शोषण कोई नही कर पाये ,
         जन जन को बतलाना है ।।

भूख गरीबी लाचारी में ,
            जो जन जीवन जीता है ।
सच मानो वो मानव केवल ,
             जह़र यहाँ पर पीता है ।।
भूख गरीबी लाचारी को ,
               जग से हमें भगाना है ।
संयुक्त राष्ट्र संघ ………………….

सुख शांति सदभाव देश को ,
                  वैभव समृद्धि देता  ।
विश्व मंच पर वही उभरकर ,
           बन जाता है अभिनेता ।।
आपस में मिलजुल कर रहना ,
          सबको यही सिखाना है ।
संयुक्त राष्ट्र ………………………

फँसता वही भँवर में साथी ,
            केवल स्वार्थ परायण है । 
हुआ विनाश अभी तक जिनका ,
             अंहकार के कारण है ।। 
अधिकारों का ज्ञान मनुष को ,
             हमको आज कराना है ।
संयुक्त राष्ट्र संघ ………………….

संयुक्त राष्ट्र संघ संचालन ,
             मानवता का पोषक  है ।              
मानवता अपनाकर देखो ,
          लगती कितनी रोचक है ।।
हक मानव का जो होता है ,
             सबको वही दिलाना है ।
संयुक्त राष्ट्र ……………………. .. 

कवि बृजमोहन श्रीवास्तव “साथी”
मो.9981013061
कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद

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