सायली विधा में रचना – मधुमिता घोष

सायली विधा में रचना – मधुमिता घोष

बचपन
बीत गया
आई है जवानी
उम्मीदें बढ़ी
सबकी.

चलो
उम्मीदों के
पंख लगा कर
छू लें
आसमाँ.

आँखें
भीगी आज
यादों में तेरी
खो गये
सपने.

सपने
खो गये
इन आँखों के
बिखर गई
आशायें.

  मधुमिता घोष “प्रिणा”

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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