शहीद दिवस विशेष कविता

शहीद दिवस विशेष कविता

March 23 Martyrs Day
March 23 Martyrs Day

क्या शहीद दिवस मना लेना;
इस पर कोई कविता बना लेना;
तस्वीर स्मारक में फूल चढ़ा देना;
बच्चों को उनके बारे में पढ़ा देना;
सच्ची श्रद्धांजलि हो सकती है?

क्या आज जरूरत नहीं हमें,
भगत,सुखदेव,राजगुरू बनने की;
भारतमाँ के लिये सर्वस्व लुटाने की;
उनके विचारों को अमल में लाने की;
उनके सपनों के भारत बनाने की ?

हम चाहते तो हैं देश आगे बढ़े;
हम चाहते तो हैं दुश्मनों से लड़ें;
हम चाहते तो हैं इतिहास  गढ़े,
जिसे बच्चा बूढ़ा जवान फिर से पढ़े।

पर क्या हम चाहते हैं तकलीफें उठाना;
वतन के लिये अपना सर्वस्व लुटाना ?
हमें अपने कामों से फुरसत कहाँ ?
शहीदों सा देश के लिये मुहब्बत कहाँ?

अरे मनी! छोटा-सा घर से बाहर निकल।
और देख जरा ! एक बड़ा घर “देश”,
जहाँ मनती है धूमधाम से दीवाली और ईद।
जिसके खातिर फाँसी चूमें अपने वीर शहीद।

(रचयिता:- मनी भाई )

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