शाकाहार है सर्वोत्तम आहार।
जैसा खाते अन्न, वैसा होता मन।
भरा रहता मन शुद्ध, पवित्र विचारों से।
फटक न पाते कुविचार मन में ।।
दूध सर्वश्रेष्ठ आहार कहलाता।
बिन माँ के बच्चे, पाले जाते गोदुग्ध पर ही।
स्वाभाविक रूप से बाढ़़ होती बच्चों की।
बाधा कोई कभी न आती।।
नाना प्रकार के फल- सब्जियाँ,
दी प्रकृति ने हमें, भर- भर पोषक तत्व।
कच्चे रूप में खाते जो लोग,
रोग मुक्त वे सदा ही रहते।।
उर्वरक भूमि से उपजे अनाज,
जीवन रस से भरे हुए हैं।
शुद्ध जैविक रूप से उगाए जाते गर,
जीवन स्वस्थ्य हमारा बनाते।।
विस्तार शाकाहार का आज हुआ है। दस प्रतिशत विदेशी भी जीते शाकाहारी जीवन है।
कई नामचिन खिलाड़ी देश के हैं शाकाहारी।
तंदरुस्त हैं वे, खेल जगत में नाम कमाया।।
खाओ, स्थानीय उत्पाद,स्वाभाविक रूप में।
चमत्कारी परिणाम इनसे मिलता।
रोग- दोष सभी मिट जाते।
स्वस्थ्य दीर्घायु मानव पाता।।
चंद्रकला भरतिया
नागपुर महाराष्ट्र.
जैसा खाते अन्न, वैसा होता मन।
भरा रहता मन शुद्ध, पवित्र विचारों से।
फटक न पाते कुविचार मन में ।।
दूध सर्वश्रेष्ठ आहार कहलाता।
बिन माँ के बच्चे, पाले जाते गोदुग्ध पर ही।
स्वाभाविक रूप से बाढ़़ होती बच्चों की।
बाधा कोई कभी न आती।।
नाना प्रकार के फल- सब्जियाँ,
दी प्रकृति ने हमें, भर- भर पोषक तत्व।
कच्चे रूप में खाते जो लोग,
रोग मुक्त वे सदा ही रहते।।
उर्वरक भूमि से उपजे अनाज,
जीवन रस से भरे हुए हैं।
शुद्ध जैविक रूप से उगाए जाते गर,
जीवन स्वस्थ्य हमारा बनाते।।
विस्तार शाकाहार का आज हुआ है। दस प्रतिशत विदेशी भी जीते शाकाहारी जीवन है।
कई नामचिन खिलाड़ी देश के हैं शाकाहारी।
तंदरुस्त हैं वे, खेल जगत में नाम कमाया।।
खाओ, स्थानीय उत्पाद,स्वाभाविक रूप में।
चमत्कारी परिणाम इनसे मिलता।
रोग- दोष सभी मिट जाते।
स्वस्थ्य दीर्घायु मानव पाता।।
चंद्रकला भरतिया
नागपुर महाराष्ट्र.