नया साल का स्वागत – विजय कन्नौज

नया साल का स्वागत – विजय कन्नौज आही आही कुछ देके जाहीनया साल कुछ ले के आही।।जय गंगान नवा पुराना मा काहे भेद।अपन करनी अपन मा देखऊपर निंधा तरी छेद,जय गंगान जइसन करनी तइसन भेद।कहे कवि विजय के लेखकुछ करनी कुछ हे भेषजय गंगानसुख सुख ल भोगहू मितानदुख मां झन देहू ध्याननिज करनी अपन देखजय … Read more

महामानव यीशु/ डॉ विजय कुमार कन्नौजे

jesus

महामानव यीशु/ डॉ विजय कुमार कन्नौजे जब जब धरा पर होती है अत्याचार।तब तब प्रभु लेते हैं धरा पर अवतार।। मानवता जब होने लगी धरा पर।जब धरती होने लगी थी , शर्म सार मानव मानवता भुलकर,करने लगे अत्याचार ।गरीब अमीर में भेदकर,दीनन पर किया प्रहार।। पच्चीस दिसंबर कोमहामानवयीशु मसीह लिया अवतार।।दीन हीन को साध ले, … Read more