नव दीप / जानसी पटेल

नव दीप

यहाँ पर “नव दीप जले हर मन में” शीर्षक से जानसी पटेल की एक कविता प्रस्तुत की जा रही है: नव दीप / जानसी पटेल रचयिता: जानसी पटेल नव दीप जले हर मन में,नव ज्योति बहे हर जीवन में। अंधकार हटे हर कोने से,प्रकाश फैले इस सृष्टि में। सपने संजोए आँखों में,संकल्प हो सजीव मन … Read more

नव दीप जले हर मन में/ भुवन बिष्ट

नव दीप

इस कविता में भुवन बिष्ट ने आशा, प्रेम, और भाईचारे का संदेश दिया है। हर व्यक्ति के मन में नई उम्मीदों और सकारात्मकता के दीप जलाने का आह्वान किया है, जिससे समाज में शांति, प्रेम, और सद्भावना का वातावरण बने। नव दीप जले हर मन में/ भुवन बिष्ट नव दीप जले हर मन में,          अब … Read more

पथ की दीप बनूँगी

पथ की दीप बनूँगी प्रिय तुम न होना उदास तेरे पथ की दीप बनूँगी ।फूल बिछा कर पग पर तेरे काँटे सदा वरण करूँ गी ।।तेरे पथ की दीप बनूँगी। ना  मन  हो  विकल  न उथल पुथल ।मनों भाव अर्पित कर अधर की मुस्कान बनूँगी । तेरे पथ की दीप बनूँगी। जिन्दगी में कभी गम … Read more

दीपक पर कविता

नव्य आशा के दीप जले – मधु सिंघी नव्य आशा के दीप जले,उत्साह रूपी सुमन खिले।कौतुहल नवनीत जगाकर,नया साल लो फिर आया। मन के भेद मिटा करके,नयी उम्मीद जगा करके।संग नवीन पैगाम लेकर ,नया साल लो फिर आया। सबसे प्रीत जगा करके,सबको मीत बना करके।संग में सद्भावनाएँ लेकर ,नया साल लो फिर आया। मुट्ठी में … Read more