दिवस पर्यावरण मना रहे हैं/मंजूषा दुग्गल
दिवस पर्यावरण मना रहे हैं/मंजूषा दुग्गल जलाकर पेड़-पौधे वीरान धरती को बना रहे हैंइतनी सुंदर सृष्टि का भयावह मंजर बना रहे हैंकाटकर जंगल पशु-पक्षियों को बेघर बना रहे हैंकर बेइंतहा अत्याचार हम दिवस पर्यावरण मना रहे हैं । वैज्ञानिक उन्नति की राह पर हम कदम बढ़ा रहे हैंचाँद पर भी अब देखो वर्चस्व अपना जमा … Read more