किसान पर दोहे -डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”

किसान पर दोहे धरती पुत्र किसान का , मत करना अपमान।जो करता सुरभित धरा,उपजाकर धन धान।। कॄषक सभी दुख पीर में , आज रहे है टूट।करते रहे बिचौलिए , इनसे निसदिन लूट।। रत्ती भर जिनको नही,फसल उपज का ज्ञान।वे अयोग्य रचने लगे , अब तो खेत विधान।। आंदोलन के नाम पर , डटे कृषक दिन … Read more