मुंशी प्रेमचंद्र जी के सम्मान में दोहा छंद
आ.मुंशी प्रेमचंद्र जी के सम्मान म़े सादर समर्पित
मुंशी प्रेमचंद्र जी के सम्मान में दोहा छंद
Premchand
प्रेम चन्द साहित्य में , भारत की त़सवीर।निर्धन,दीन अनाथ की,लिखी किसानी पीर।।सामाजिकी विडंबना , फैली रीति कुरीति।चली सर्व हित लेखनी, रची न झूठी प्रीत।।गाँव खेत खलिहान सब,ठकुर सुहाती मान।गुरबत में ईमान का , पाठ लिखा गोदान।।बूढ़ी काकी…
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