हमें जमीं से मत उखाड़ो-अदित्य मिश्रा

हमें जमीं से मत उखाड़ो-अदित्य मिश्रा

हमें जमीं से मत उखाड़ो रो-रोकर पुकार रहा हूं हमें जमीं से मत उखाड़ो।रक्तस्राव से भीग गया हूं मैं कुल्हाड़ी अब मत मारो। आसमां के बादल से पूछो मुझको कैसे पाला है।हर मौसम में सींचा हमको मिट्टी-करकट झाड़ा है। उन मंद हवाओं से पूछो जो झूला हमें झुलाया है।पल-पल मेरा ख्याल रखा है अंकुर तभी … Read more