अब नहीं सजाऊंगा मेला
अब नहीं सजाऊंगा मेला अक्सर खुद कोसाबित करने के लिएहोना पड़ता है सामने . मुलजिम की भांति दलील पर दलील देनी पड़ती है . https://youtu.be/KOReYXHwJXM फिर भी सामने खड़ा व्यक्तिवही…
अब नहीं सजाऊंगा मेला अक्सर खुद कोसाबित करने के लिएहोना पड़ता है सामने . मुलजिम की भांति दलील पर दलील देनी पड़ती है . https://youtu.be/KOReYXHwJXM फिर भी सामने खड़ा व्यक्तिवही…
तुम तो लूटोगे ही प्यारे,लुटेरों की बस्ती में पुकार रहे हो किससे बंदेखुद ही हो रहबर अपना।छिप रहे हो कहां कहां पे कहीं नहीं है घर अपना ।। आबरू की…
घर के कितने मालिक https://youtu.be/lHFrJBec6ik वाह भाई !मैंने ईंटें लाई ।सीमेंट ,बालू , कांक्रीट, छड़और पसीने के पानी सेखड़ा कर लियाअपना खुद का घर।बता रहा हूँ सबकोमैं असल मालिक। ये…
मैं उड़ता पतंग मुझे खींचे कोई डोर मैं उड़ता पतंग ….मुझे खींचे कोई डोर।तेरी ही ओर।।मेरा टूट न जाए धागा।भागा ….भागा…भागा ….मैं खुद से भागा।जागा.. जागा….जागा.. कभी सोया कभी जागा…
प्रेम का अनुप्रास बाकी आर आर साहू, छत्तीसगढ़: " प्रेम का अनुप्रास बाकी "सत्य कहने और सुनने की कहाँ है प्यास बाकी।क्या विवशता को कहेंगे,है अभी विश्वास बाकी।आस्थाओं,धारणाओं,मान्यताओं को परख…
मनीभाई की भावनाएं ●●●●●●●●●●●●हर जगह चुनौतियाँ हैं, क्यूँ ना चुनौतियों से वास्ता करें।ये तो गलत है कि खानाबदोश की तरह हम रास्ता करें।विरोध करें ,कभी विरोध सहें; ये सांसारिक नियति…
जब तूने हमें छोड़ के दौड़ लगाई https://youtu.be/fgxPa3jreyU जब तूने हमें छोड़ के दौड़ लगाई रचनाकार :मनीभाई नवरत्नरचनाकाल :15 नवम्बर 2020 तू चलता हैलोग बोलते हैंतू दौड़ता क्यूँ नहीं ?तू…
क्या मैं उसे कभी जान पाया ? https://www.youtube.com/watch?v=K-maZL0EVPE कभी - कभीया बोलिये अब हर वक्त...मैं ढूंढता हूँ उसकोजो मेरे अंदर पड़ा है मौन।कहता कुछ नहींपर लगता हैउसकी आवाज दबा दी…
मनीभाई नवरत्न जब मैं तनहा रहता हूँ जब मैं तनहा रहता हूँ।खुद से बातें करता हूँ ।सुख की,दुख की ।छांव की, धुप की ।गलतियों पर सीख लेता हूँ ।कसम खाता…