मनीभाई की भावनाएं

मनीभाई की भावनाएं


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हर जगह चुनौतियाँ हैं, क्यूँ ना चुनौतियों से वास्ता करें।
ये तो गलत है कि खानाबदोश की तरह हम रास्ता करें।
विरोध करें ,कभी विरोध सहें; ये सांसारिक नियति है ।
मतभेद होने से रूठके चले जाना ,नहीं कवि प्रकृति है।

मनीभाई

मनीभाई नवरत्न

यह काव्य रचना छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के बसना ब्लाक क्षेत्र के मनीभाई नवरत्न द्वारा रचित है। अभी आप कई ब्लॉग पर लेखन कर रहे हैं। आप कविता बहार के संस्थापक और संचालक भी है । अभी आप कविता बहार पब्लिकेशन में संपादन और पृष्ठीय साजसज्जा का दायित्व भी निभा रहे हैं । हाइकु मञ्जूषा, हाइकु की सुगंध ,छत्तीसगढ़ सम्पूर्ण दर्शन , चारू चिन्मय चोका आदि पुस्तकों में रचना प्रकाशित हो चुकी हैं।

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