उषा सुहानी लगे प्यारी

उषा सुहानी लगे प्यारी उषा सुहानी लगे प्यारी मंद पवन की ठंडक न्यारी घोंसला छोड़ पंछी भागे उषाकाल नींदों से जागे ।            कोयल की सुन मीठी वाणी            छुप छुप किया करे मनमानी             शीतल मंद पवन मदमाती             रवि किरण तन -मन को लुभाती। कोहरा आकाश धुँधलाता । हरा भरा तृण उर लुभाता। … Read more