शरद पूर्णिमा पर कुंडलिया छंद
शरद पूर्णिमा पर कुंडलिया छंद 1—- उज्ज्वल- उज्ज्वल है धरा,चंद्र -किरण बरसात । चाँद गगन से झाँकता ,रूप मनोहर गात।। रूप मनोहर गात ,रजत सम बहती धारा। लिए शरद सौगात ,चंद्र का रूप निखारा।। कहे सुधा सुन मीत , प्रीत है मन का प्राँजल। सजे पुनों की रात ,धरा है उज्ज्वल उज्ज्वल।। 2— छम-छम बजती … Read more