हाइकु

हाइकु तृतीय शतक

हाइकु शतक १बुलकड़ियाँरिक्त गौशाला द्वारसूखा गोबर।२चैत्र प्रभातविधवा का शृंगारदूर्वा टोकरी।३फाग पूर्णिमाडंडे पर जौ बालीबालक दौड़ा।४होली दहनचूल्हे पे हंसती माँगेहूँ बालियाँ।५मदिरालयकुतिया को पकोड़ेनाली में वृद्ध।६औषधालयचारपाई पे वृद्धनीम निम्बोली।७कैर साँगरीबाजरी की रोटियाँहाथ…

साजन पर कविता

साजन पर कविता मंद हवा तरु पात हिले,नचि लागत फागुन में सजनी।लाल महावर हाथ हिना,पद पायल साजत है बजनी।आय समीर बजे पतरा,झट पाँव बढ़े सजनी धरनी।बात कहूँ सजनी सपने,नित आवत…
holika-dahan

होली चालीसा – बाबू लाल शर्मा

होली चालीसा :-चालीसा हिंदू धर्म में विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा के लिए गायी जाने वाली प्रार्थना होती है। ये प्रार्थनाएँ विशेष रूप से उन देवी-देवताओं को समर्पित की जाती हैं…

चित्र मित्र इत्र विचित्र पर कविता

चित्र मित्र इत्र विचित्र पर कविता चित्र रचित कपि देखकर,डरती सिय सुकुमारि।अगम पंथ वनवास में, रहती जनक दुलारि।। मित्र मिले यदि कर्ण सा, सखा कृष्ण सा साथ।विजित सकल संसार भव,…

शिखण्डी पर कविता

शिखण्डी पर कविता पार्थ जैसा हो कठिन,व्रत अखण्डी चाहिए।*आज जीने के लिए,**इक शिखण्डी चाहिए।।* देश अपना हो विजित,धारणा ऐसी रखें।शत्रु नानी याद कर,स्वाद फिर ऐसा चखे। सैन्य हो अक्षुण्य बस,व्यूह्…

सार छंद विधान – बाबूलालशर्मा

सार छंद विधान ऋतु बसंत लाई पछुआई, बीत रही शीतलता।पतझड़ आए कुहुके,कोयल,विरहा मानस जलता। नव कोंपल नवकली खिली है,भृंगों का आकर्षण।तितली मधु मक्खी रस चूषक,करते पुष्प समर्पण। बिना देह के…

संस्कारों पर कविता

संस्कारों पर कविता बीज रोप दे बंजर में कुछ,यूँ कोई होंश नहीं खोता।जन्म जात बातें जन सीखे,वस्त्र कुल्हाड़ी से कब धोता। संस्कृति अपनी गौरवशाली,संस्कारों की करते खेती।क्यों हम उनकी नकल…

अप्सरा पर कविता

अप्सरा पर कविता बादलो ने ली अंगड़ाई,खिलखलाई यह धरा भी!हर्षित हुए भू देव सारे,कसमसाई अप्सरा भी! कृषक खेत हल जोत सुधारे,बैल संग हल से यारी !गर्म जेठ का महिना तपता,विकल…

शिव भक्ति गीत -बाबूलाल शर्मा

शिव भक्ति गीत -बाबूलाल शर्मा प्रस्तुत कविता शिव भक्ति गीत आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।