हारे जीत पर दोहे

हारे जीत पर दोहे पीर जलाए आज विरह फिर,बनती रीत!लम्बी विकट रात बिन नींदे, पुरवा शीत! लगता जैसे बीत गया युग, प्यार किये!जीर्ण वसन हो बटन टूटते, कौन सिँए!मिलन नहीं भूले से अब तो, बिछुड़े मीत!पीर जलाए आज विरह फिर, बनती रीत! याद रहीं बस याद तुम्हारी, भोली बात!बाकी तो सब जीवन अपने, खाए घात!कविता … Read more

प्रीत की बाजी पर कविता

प्रीत की बाजी पर कविता कल्पना यह कल्पना है,आपके बिन सब अधूरी।गया भूल भी मधुशाला,वह गुलाबी मद सरूरी। सो रही है भोर अब यह,जागरण हर यामिनी को।प्रीत की ठग रीत बदली,ठग रही है स्वामिनी को।दोष देना दोष है अब,प्रीत की बाजी कसूरी।कल्पना यह कल्पना है,आपके बिन सब अधूरी। प्रीत भूले रीत को जब,मन भटक जाता … Read more

कुण्डलिया शतकवीर- बाबूलाल शर्मा

कुण्डलिया शतकवीर – बाबूलाल शर्मा १. *वेणी* मिलती संगम में सरित, कहें त्रिवेणी धाम!तीन भाग कर गूँथ लें, कुंतल वेणी बाम!कुंतल वेणी बाम, सजाए नारि सयानी!नागिन सी लहराय, देख मन चले जवानी!कहे लाल कविराय, नारि इठलाती चलती!कटि पर वेणी साज, धरा पर सरिता मिलती! २. *कुमकुम* माता पूजित भारती , अपना हिन्दुस्तान!समर क्षेत्र पूजित सभी, … Read more

मातृ पितृ पूजन दिवस पर कविता

मातृ पितृ पूजन दिवस पर कविता दिवस मातृ पितु ले मना, करिये सत संकल्प।ईश मान पितु मात को, छोड़ो सभी विकल्प।। घर में ही भगवान हैं, सच जीवन दातार।मात पिता को मान दें, करिये उनसे प्यार।। जन्म दिया है आपको, रखे गर्भ नौ मास।पाला मय अरमान के, मात पिता विश्वास।। पाल पोष पहचान दी, पढ़ा … Read more

सरस्वती माँ पर कविता-बाबू लाल शर्मा बौहरा

सरस्वती माँ पर कविता शारदे आप ही आओ।कंठ मेरे तुम्ही गाओ।शान बेटी सयानी के।बात किस्से गुमानी के। धाय पन्ना बनी माता।मान मेवाड है पाता।पद्मिनी की कहानी है।साहसी जो रुहानी है। बात झाँसी महारानी।शीश हाड़ी दिए मानी।वीर ले जा निशानी है।बात सारी सिखानी है। बेटियों को बचानी है।शान शिक्षा दिलानी है।कर्म कर्त्तव्य भी जानें।वक्त की माँग … Read more