बहुत याद आता हैं बचपन का होना
बहुत याद आता हैं बचपन का होना वो बचपन में रोना बीछावन पे सोना,,छान देना उछल कूद कर धर का कोना,,बैठी कोने में माँ जी का आँचल भिगोना,,माँ डाटी व बोली लो खेलो खिलौना,,बहुत याद आता हैं बचपन का होना।। गोदी में सुला माँ का लोरी सुनाना,कटोरी में गुड़ दूध रोटी खिलाना,,नीम तुलसी के पते … Read more