भाषा बड़ी है प्यारी -बासुदेव अग्रवाल नमन
भाषा बड़ी है प्यारी भाषा बड़ी है प्यारी, जग में अनोखी हिन्दी,चन्दा के जैसे सोहे, नभ में निराली हिन्दी। इसके लहू में संस्कृत, थाती बड़ी है पावन,ये सूर, तुलसी, मीरा, की है बसाई हिन्दी। पहचान हमको देती, सबसे अलग ये जग में,मीठी जगत में सबसे, रस की पिटारी हिन्दी। हर श्वास में ये बसती, हर … Read more