ढूँढूँ भला खुदा की मैं रहमत
ढूँढूँ भला खुदा की मैं रहमत कहाँ कहाँ
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर ० बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’ के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .
ढूँढूँ भला खुदा की मैं रहमत कहाँ कहाँ
गर्दिश में सितारे हों गर्दिश में सितारे हों जिसके, दुनिया को भला कब भाता है,वो लाख पटक ले सर अपना, लोगों से सज़ा ही पाता है। मुफ़लिस का भी जीना क्या जीना, जो घूँट लहू के पी जीए,जितना वो झुके जग के आगे, उतनी ही वो ठोकर खाता है। ऐ दर्द चला जा और कहीं, … Read more
आओ सब मिल कर संकल्प करें आओ सब मिल कर संकल्प करें।चैत्र शुक्ल नवमी है कुछ तो, नूतन आज करें।आओ सब मिल कर संकल्प करें॥मर्यादा में रहना सीखें, सागर से बन कर हम सब।हम इस में रहना सिखलाएं, तोड़े कोई इसको जब।मर्यादा के स्वामी की, धारण यह सीख करें।आओ सब मिल कर संकल्प करें॥मात पिता … Read more
हनुमत पिरामिड हेवायुतनयहनुमान दे वरदान रहें खुस हाल प्रभू हर हाल में । हेदुखःहर्ता हेबजरंगीराम दुलारे भक्तन पुकारे हे कष्ट विनाशक। माँसीता को प्यारेले-मुदृकासमुद्र लांधे सिया सुधि लायेभक्तन हितकारी । श्रीराम छपतेलंका जला दानव दलसंहार करकेबाग उजारे प्रभू। लेवैद सुखेन संजीवनी लेकर आयेप्राण लक्ष्मण केबचाये बजरंगी । हेदेवमनायेतुम्हें रक्षाकरो जगतभव ताप हरो हे नाथ महाबली … Read more
कौन समय को रख सकता है कौन समय को रख सकता है, अपनी मुट्ठी में कर बंद।समय-धार नित बहती रहती, कभी न ये पड़ती है मंद।।साथ समय के चलना सीखें, मिला सभी से अपना हाथ।ढल जातें जो समय देख के, देता समय उन्हीं का साथ।।काल-चक्र बलवान बड़ा है, उस पर टिकी हुई ये सृष्टि।नियत समय … Read more