Tag: #दूजराम साहू

यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०दूजराम साहू के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

  • हे धरती के भगवान

    हे धरती के भगवान

    1 मई अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस 1 May International Labor Day
    1 मई अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस 1 May International Labor Day

    हो तुम आसाधारण,
    तेरे कांधों पर दुनिया टिका है,
    तेरे खून के कतरे से ही  ,
    ये पावन धरती भिंगा है !!
    हे धरती के भगवान ,
    तु है बड़ा महान !!

    ऊसर भूमि उपजाऊ कर देता,
    कठोरता खुद हर लेता ,
    नित नव जुनून कुछ करने का ,
    कभी न सोचा स्वयं रखने का ,
    कमा-कमा कर तू रे प्यारे ,
    औरो को कर दिया धनवान …!!

    न धूप लगे न ठंड ,
    रहे नंद धड़ंग ,
    नहीं भय है बारिस का,
    न चिंता है वारिस का ,
    हाल कमाना हाल खाना ,
    नहीं रखता कोई खजाना !
    नही है मन मे कोई अभिमान …..!!

    ऊँचा-ऊँचा महल बनाया,
    ऐश्वर्य से खूब सजाया ,
    बड़े-बड़े कल कारखान कोे ,
    ऊँगली से खूब नचाया ,
    विकास तेरे हाथो से आगे बड़ा,
    तु रह गया वही का वही अनजान …. !

    गर तू कही कांधे हटा दे तो,
    देखना दुनिया मे गजब हो जाए !
    फलता फूलता यह चमन का ,
    एक-एक कलि यु ही मुरझा जाए !
    तेरे पल भर के  रूकने से,
    दुनिया की गति रूक जाए,
    सच कहे तो तू ही है मनू के संतान…. !

    जीवन भर तू खूब कमाया,
    पेट की आग न बुझा पाया ,
    न किमत तेरे मजदूरी का ,
    कोई सही-सही न दे पाया ,
    सोने को एक छत नही ,
    आलिशान महले बनाया ,
    ‘अनन्य’ तेरे महिमा का
    कर रहा गुनगान …!!
       दूजराम साहू ” अनन्य “
    निवास -भरदाकला(खैरागढ़)
    जिला- राजनांदगाँव (छ.ग.)