शीत ऋतु पर हाइकु – धनेश्वरी देवांगन
शीत ऋतु पर हाइकु – धनेश्वरी देवांगन सिंदुरी भोर धरा के मांग सजी लागे दुल्हन नव रूपसी दुब मखमली सी छवि न्यारी सी कोहरा छाया एक पक्ष वक्त का दुखों का साया शीत अपार स्वर्णिम रवि रश्मि सुख स्वरूप ओस के मोती जीवन के … Read more