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हाइकु

एकांत/हाइकु/निमाई प्रधान’क्षितिज’

एकांत/हाइकु/निमाई प्रधान’क्षितिज’ [१]मेरा एकांत सहचर-सर्जक उर्वर प्रांत! [२]दूर दिनांततरु-तल-पसरा मृदु एकांत! [३]वो एकांतघ्न वातायन-भ्रमर न रहे शांत ! [४]दिव्य-उजासशतदल कमल एकांतवास ! [५]एकांत सखाजागृत कुंडलिनी प्रसृत विभा ! *-@निमाई प्रधान’क्षितिज’*      रायगढ़,छत्तीसगढ़   मो.नं.7804048925 Post Views: 53

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कवि रमेश कुमार सोनी की कविता

कवि रमेश कुमार सोनी की कविता बसंत के हाइकु – रमेश कुमार सोनी 1 माली उठाते/बसंत के नखरे/भौंरें ठुमके। 2 बासंती मेला/फल-फूल,रंगों का/रेलमपेला। 3 फूल ध्वजा ले/मौसम का चितेरा/बसंत आते। 4 बागों के पेड़/रोज नया अंदाज़/बसंत राज। 5 बासंती जूड़ा/रंग-बिरंगे…

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पेड़ बुलाते मेघ -हाइकु संग्रह की समीक्षा , हाइकुकार-रमेश कुमार सोनी एवं समीक्षक-डॉ.पूर्वा शर्मा-वड़ोदरा

हाइकु एक जापानी विधा की लेखन शैली है जिसमें कविता का होना अनिवार्य होता है.यह मेरा दूसरा हाइकु संग्रह है.इसकी भूमिका वरिष्ठतम हाइकुकार डॉ.सुधा गुप्ता जी -मेरठ ने लिखी है.

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झूला झूले फुलवा- ताँका संग्रह की समीक्षा

मेरी यह पुस्तक -' झूला झूले फुलवा ' - हिंदी ताँका की विश्व मे पहली इ पुस्तक है। इसकी समीक्षा ज्योत्सना प्रदीप -विख्यात साहित्यकार ने की है।
ताँका एक जापानी शैली की रचना विधा है ।

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शीत/ठंड पर हाइकु

शीत/ठंड पर हाइकु [1]शीत प्रदेशबरस रही चाँदीधूप बीमार । [2]शीत लहरकँपकपाते होंठहँसे धुनियाँ । [3]बैरन शीतप्रीतम परदेशखुशियाँ सुन्न । [4]मुस्काती धुँधसूरज असहायजीवन ठप्प । [5]ठण्ड में धूपदेती गरमाहटज्यों माँ की गोद । अशोक दीप✍️जयपुर Post Views: 42

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हाइकु- द्वितीय शतक

हाइकु- द्वितीय शतक १.सत्ता का पेड़काग बनाए नीड़कोयल चूजे२.फाल्गुन संध्याबूँटे लिए बालिकाजमी चौपाल३.नदी का घाटस्नान भीड़ में वृद्धपोटली भय४.जल की प्याऊसिर पर पोटलीप्यासी बुढ़िया५.विवाहोत्सवचौपाल में मध्यस्थसिर पे बागा६.नीम की छाँवबुढ़िया चारपाईपड़े बताशे७शहरी पथनग्न है फुटपाथवस्त्रों में श्वान८.चाँदनी रातबाराती की आतिशछान…

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हाइकु प्रथम शतक

हाइकु शतक १.खेत में डेराहाथ में मोटी रोटीदूध की डोली२तेल बिनौरीसिर पर छबड़ीगीत गुंजन३होली के रंगचौपाल पर ताशचंग पे भंग४.नीम का पेड़वानर अठखेलीदंत निंबोली५सम्राट यंत्रधूप घड़ी देखताविद्यार्थी दल६संग्रहालयकांँच बाँक्स में ‘ममी’उत्सुक छात्रा७गुलाब बागपैंथर पिँजरे मेंकूदे वानर८मोती मंगरीतोप पे लेते सेल्फीसैलानी…

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मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 9

हाइकु अर्द्धशतक भाग 9 ४०१/शम्मी के पेड़धनिष्ठा वसु व्रतमंगल स्वामी ४०२/मंडलाकारसौ तारे शतभिषाराहु की दशा। ४०३/ रोपित करेंपूर्व भाद्रपद मेंआम्र का वृक्ष। ४०४/मांस का दानउत्तरा भाद्रपदपूजा निम्ब के । ४०५/कांसे का दानरेवती पूषा व्रतमहुआ पूजा। ४०६/श्रीराम जन्मअभिजीत जातकहै भाग्यशाली ।…

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मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 8

हाइकु अर्द्धशतक ३५१/ धरा की तापहरते मौन वृक्षतप करते ३५२/ झुलस जायेतन मन जीवनऐसी तपन। ३५३/ है ऐसी धुपनैन चौंधिया जायेतेजस्वरूप । ३५४/   लू की कहरखड़ी दोपहर में  धीमा जहर ३५५/मेघ गरजेबिजली सी चमकेरूष्ट हो जैसे । ३५६/बादल छायाएकाकार…

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मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 7

हाइकु अर्द्धशतक ३०१/आज के नेताहै जनप्रतिनिधिनहीं सेवक। ३०२/है तू आजादबचा नहीं बहानातू आगे बढ़। ३०३/.मित्र में खुदाकरे निस्वार्थ प्रेमरिश्ता है जुदा। ३०४/ छाया अकालजल अमृत बिनधरा बेहाल। ३०५/ सांध्य सिताराशुक्र बन अगुआलड़े अंधेरा। ३०६/ स्वाभिमान हीसबसे बड़ी पूंजीजीवन कुंजी। ३०७/…