शाकाहार
लेना हमेशा शाकाहार
ना करना मांसाहार
पास न आये आजार
यही हे बस उपहार
शुद्ध पकवान से
मन भी स्वच्छ रहे
क्रोध न ज्यादा आये
जो शाकाहार करें
क्या खाये कब खाये
यह न कोई समजाये
करें जो आदरतिथ्य
तुम शाकाहार हि पथ्य
कसम खाकर कुछ ऐसी
आज से करुँगी शाकाहार
किसीकी बात न मानूंगी
हात न लगाउ मांसाहार
पवन दाळू, खामगाव, महाराष्ट्र
Tag: hindi poem on food
Hindi poem on food
शाकाहार / पवन दाळू
शाकाहार / शुभा शुक्ला निशा
शाकाहार सर्वोत्तम आहार
शाकाहारी आहार ही है सर्वोत्तम आहार
जो स्वस्थ रखता मानव तन और हटाए मन का भार
कौली कौली हरी भरी लौकी और लंबा कांटेदार कड़वा करेला
रस इनका हटाता मानव शरीर से रोगों का झमेला
हरी हरी पालक खाओ और मेथी भाजी छौंकी
मसाले में मिलकर बनती हमारी भाजी चोखी
गाजर, टमाटर, सेव ,पपीता कितने विटामिंस खुद में समाए,
प्याज लहसुन अदरक अजवाइन स्वादिष्ट खाने को मजबूत बनाए।
मांसाहार में ऐसा क्या रखा है जो शाकाहार में नही है,
मासूम जानवरों का मांस खाना क्या ये सदाचार सही है।
कोई कहता हम तो कटे कटाए मटन को खाते हैं ,
हमने थोड़ी मारा उन्हे जो लोग हमे बात सुनाते हैं।
पर सवाल बस इतना मांसाहार खाया ही क्यों जाए,
चीन के भयानक हश्र से कुछ तो सबक लिया जाए ।
प्राचीन समय में पहलवान हमारे दारा सिंह क्या मुर्गा खा कर वजन बढ़ाते थे,
सरसों का साग और मक्के की रोटी
करेले का जूस मेवे बस यही उनकी खुराक में आते थे।
कान खोल कर सुनो ना मेरे भाईयों और बहनों दोस्तो,
जीभ की नही अपने दिल की सुनो क्या कहता है वो दोस्तों।
शाकाहार ही है सर्वोत्तम आहार बनाए जो सात्विक आचार
मांसाहारी नरभक्षी कहलाते शाकाहारी का होता आदर्श व्यवहार
शुभा शुक्ला निशा रायपुर छत्तीसगढ़शाकाहार से वास्ता/ खेमू पाराशर
शाकाहार से वास्ता
स्वाद का नहीं सवाल स्वास्थ्य का है बवाल
शाकाहार देता मनुष्य को लंबा जीवन काल
बनो सिर्फ शाकाहार के दलाल
खुशी से खाइए रोटी-दाल
बनेगा जिंदगी में एक खूबसूरत जाल
मत बनो अब इतने अंग्रेज
मांसाहार से करो परहेज
शादी में दीजिए सिर्फ शाकाहार का दहेज
शाकाहार से चमकता चेहरे पर तेज
इस बात को रख लीजिए सहेज
जिसने शाकाहार को अपनाया
उसने जीवन में बहुत अच्छा निर्णय लिया
क्योंकि इससे बन जाती विशिष्ट क्रिया
जो बिखेरती जीवन में तमाम खुशियाँ
भले थाली में हो सिर्फ दलिया
खेमू पाराशर
भरतपुर, राजस्थानशाकाहार / वीना आडवाणी
शाकाहार सर्वोत्तम
शाक कंद मूल जब सृष्टि ने दिया
तो क्यों किसी को काट के खाएं
श्रेष्ठ गुणों से भरे ये शाक कंद
औषधियों के काम में भी आए।।
शाकाहारी बन शाकाहार खा मानव
सर्वोच्च श्रेणी मे तब तू आए
प्रच्चुर मात्रा में शाक से खाकर
शक्ति, रक्त शरीर का तेरा बढ़ जाए।।
उठा पलट पढ़ इतिहास के पन्ने
पहले मानव कंद फल ही थे खाएं
बलवान इतने की जीते वो युद्ध
आज उनके गुण लोकगीतों में समाए।।
सर्वोत्तम सृष्टि का वरदान शाक भाज
क्यों किसी के वद्य , का पाप कमाए।।
रहता है तू राम देश के शहर मे सनातनी
देख चौदह वर्ष राम शाक खा जंगल मे बिताए।।
सीख इतिहास से मानव कुछ तो तू
सनातन धर्म में वद्य नर्क द्वार दिखाएं।।
खा सर्वोत्तम गुणों से भरपूर शाकाहारी
तभी तू मानव धर्म निभाता संस्कारी कहलाए।।
वीना आडवाणी तन्वी
नागपुर, महाराष्ट्रशाकाहार पर नारे/ विजय पाटने
शाकाहार पर नारे
प्रकृति का ये उपहार।
जीओ और जीने दो बने साकार।साग सब्जी अपना हथियार।
उत्तम स्वास्थ्य लाएँ अपने द्वार।मांस का करें तिरस्कार।
ना बने पाप के भागीदार।दूर करे तन मन के विकार।
अपना कर भोजन शाकाहार।आज धरा की है पुकार।
शाकाहार ही हो भोजन का आधार।आओ सब मिलकर भरे हुंकार।
बंद हो मांसाहार का व्यापार।जीने का दे सभी को अधिकार।
शाकाहार सर्वोत्तम आहार।।रचनाकार
विजय पाटने
374,Aarambh
Silver Starcity
Silicon city Indore
9826065177