Tag Hindi poem on Govardhan Puja

कार्तिक अमावस्या गोवर्धन पूजा : मान्यता है कि त्रेतायुग में भगवान इन्द्र ने बृजवासियों से नाराज होकर मूसलाधार बारिश की थी. तब भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर बृजवासियों की मदद की थी और उनको पर्वत के नीचे सुरक्षा प्रदान की थी. तब से ही भगवान श्री कृष्ण को गोवर्धन के रूप में पूजने की परंपरा है

goverdhan shri krishna

गोवर्धन कर धरते हो/ प्रवीण त्रिपाठी

गोवर्धन कर धरते हो/ प्रवीण त्रिपाठी नटवर नागर प्यारे कान्हा, गोवर्धन कर धरते हो।इंद्र देव का माधव मोहन, सर्व दर्प तुम हरते हो। ब्रज मंडल के सब नर-नारी, इंद्र पूजते सदियों से।लीलाधारी कृष्ण चन्द्र को, कभी न भाया अँखियों से।उनके…

shri Krishna

गिरिराज गोवर्धन की महिमा

गिरिराज गोवर्धन की महिमा संसार में भक्ति प्रेम अनुरक्ति से मिलता छप्पर फाड़।ब्रज वासियों की रक्षा में उठाये कृष्ण गोवर्धन पहाड़। द्वापर युग की बात,क्यों पूजन करें हम इंद्र देवता को।जब गिरि गोवर्धन चारा दें,सिचिंत करें धरती मात को।जिनसे हम…

गोवर्धन विषय पर दोहे -बाबू लाल शर्मा

गोवर्धन विषय पर दोहे -बाबू लाल शर्मा (दोहा छंद)गिरि गोवर्धन नख धरे, करे वृष्टि से रक्ष!दिए चुनौती इन्द्र को, जन गोधन के पक्ष!! महिमा हुई पहाड़ की, करे परिक्रम लोग!मानस गंगा पावनी, गिरिधर पूजन भोग!! द्वापर में संदेश वर, दिया…