श्रीकृष्ण पर कवितायें- जन्माष्टमी पर्व विशेष

shri Krishna

श्रीकृष्ण पर कवितायें हठ कर बैठे श्याम, एक दिन मईया से बोले।ला के दे-दे चंद्र खिलौना चाहे तो सब ले-ले।हाथी ले-ले, घोड़ा ले-ले, तब मईया बोली।कैसे ला दूं चंद्र खिलौना, वो तो है बहुत दूरी। दूर गगन में ऐसे चमके, जैसे राधा का मुखड़ा।देख के ऐसा रूप सलोना कान्हा का मन डोला।राधा रानी को आज … Read more

हिंदी का सम्मान करे सब

हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा है। 14 सितम्बर, 1949 के दिन संविधान निर्माताओं ने संविधान के भाषा प्रावधानों को अंगीकार कर हिन्दी को भारतीय संघ की राजभाषा के रूप में मान्यता दी। संविधान के सत्रहवें भाग के पहले अध्ययन के अनुच्छेद 343 के अन्तर्गत राजभाषा के सम्बन्ध में तीन मुख्य बातें थी- संघ की राजभाषा हिन्दी … Read more

हिंदी पर कविता – मदन सिंह शेखावत

हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा है। 14 सितम्बर, 1949 के दिन संविधान निर्माताओं ने संविधान के भाषा प्रावधानों को अंगीकार कर हिन्दी को भारतीय संघ की राजभाषा के रूप में मान्यता दी। संविधान के सत्रहवें भाग के पहले अध्ययन के अनुच्छेद 343 के अन्तर्गत राजभाषा के सम्बन्ध में तीन मुख्य बातें थी- संघ की राजभाषा हिन्दी … Read more

हिम्मत पर कविता (सरसी छन्द)

हिम्मत पर कविता (सरसी छन्द) हिम्मत रखना निशदिन मानव,जाना प्रभुके पास।गर खोयेगा तू हिम्मत को,टूट जायगी आस। धीरज मन में धारण करना,पाना मंजिल खास।निश दिन हमको बढना होगा होना नहीं निराश। कठिन परिश्रम करना सबको,मुश्किल होय हजार।जबतक लक्ष्य न मिलता हमको,जीवन है निस्सार। जिस दिन तुमने हिम्मत खोई,होगा तू लाचार।भटक मरेगा इस जग प्यारे,जीवन है … Read more

जन्माष्टमी पर दोहे -मदन सिंह शेखावत

goverdhan shri krishna

जन्माष्टमी पर दोहे भादौ मास अष्ठम तिथि , प्रकटे कृष्ण मुरार।प्रहरी सब अचेत हुए , जेल गये खुल द्वार।।1 जमुना जी उफान करे, पैर छुआ कर शान्त।वासुदेव धर टोकरी , नन्द राज के कान्त।।2 कंस बङा व्याकुल हुआ,ढूढे अष्ठम बाल।नगर गांव सब ढूंढकर ,मारे अनेक लाल।।3 मधुर मुरलिया जब बजी,रीझ गये सब ग्वाल।नट नागर नटखट … Read more