गोली एल्बेंडाजॉल – (मधु गुप्ता “महक”)
गोली एल्बेंडाजॉल आओ बच्चों तुम्हें सुनाए, एक कहानी काम की।ध्यान पूर्वक सुनना इसको, बात छिपी है राज की। स्वाति नाम की लड़की थी इक, पंचम मे वह पढ़ती थी।नंगे पाँव खेलती हरदम, शौच खुले में करती थी। … Read more
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर ० मधु गुप्ता महक के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .
गोली एल्बेंडाजॉल आओ बच्चों तुम्हें सुनाए, एक कहानी काम की।ध्यान पूर्वक सुनना इसको, बात छिपी है राज की। स्वाति नाम की लड़की थी इक, पंचम मे वह पढ़ती थी।नंगे पाँव खेलती हरदम, शौच खुले में करती थी। … Read more
अकड़ पर कविता जीवन के इस उम्र तकना जाने कितने मुर्दे देखे। कितनो को नहलाया तैयार भी कियाऔर पाया केवल अकड़सचमुच मुर्दो में अकड़ होती है लेकिन जीते जी इंसान क्यूं दिखाते है अकड़ क्या वे मुर्दे के समान है या यही उनकी पहचान हैमरना तो सब को हैफिर अकड़ अभी से क्यूं?? जियो जी … Read more