शादी का चक्कर-कैसे दोगे ओलंपिक में टक्कर / मनीभाई नवरत्न

शादी का चक्कर-कैसे दोगे ओलंपिक में टक्कर / मनीभाई नवरत्न

“शादी का चक्कर, कैसे दोगे ओलंपिक में टक्कर” मनीभाई नवरत्न का एक मजेदार और व्यंग्यात्मक रैप सांग है। यह गाना युवाओं और खेल प्रेमियों के बीच खासा लोकप्रिय है, और इसकी लाइनें अक्सर लोगों को हंसा देती हैं। इस रैप सांग का मुख्य उद्देश्य शादी और खेल के बीच तुलना करके हास्य उत्पन्न करना है। … Read more

भगत सिंह तुम्हारा नाम अमर / मनीभाई नवरत्न

Bhagat_Singh

भगत सिंह तुम्हारा नाम अमर (Intro)देश की माटी का सपूत था वो,अंग्रेज़ों के लिए काल था।कभी डरते ना, कभी ना झुकते थे,आजादी का मिसाल था । (Chorus)भगत सिंह, भगत सिंह, तुम्हारा नाम अमरतुम्हारे शौर्य वीरता को, गाता है घर घर। भगत सिंह, भगत सिंह, तुम्हारा नाम अमर ,तुम्हारे शौर्य वीरता को, गाता है घर घर। … Read more

भारत छोड़ो का जयघोष (भारत छोड़ो आंदोलन पर एक कविता)

भारत छोडो आन्दोलन

यहां भारत छोड़ो आंदोलन पर एक कविता प्रस्तुत है: भारत छोड़ो का जयघोष सुनो कहानी वीरों की, जब भारत हुआ बेखौफ,आजादी का बिगुल बजा, उठा स्वतंत्रता का शोर।नव जागरण की लहर चली, एकता का उठा संकल्प ,भारत छोड़ो का नारा गूंजा, देश की हुई कायाकल्प । अंग्रेजों की हुकूमत से, तंग हो गया था आमजन,तोड़नी … Read more

आदिवासी गाथा ( विश्व आदिवासी दिवस पर एक कविता )

विश्व आदिवासी दिवस पर एक कविता

यहां विश्व आदिवासी दिवस पर एक कविता प्रस्तुत है: आदिवासी गाथा जंगलों की गोद में बसा,एक अद्भुत संसार है।संस्कृति जिसकी अनोखी,वह आदिवासी परिवार है। धरती से गहरा नाता,और पेड़ों से प्यार है।पर्वतों की ऊंचाई में बसी ,उनका विशाल संसार है। त्योहारों की रंगीन छटा,और नृत्य की बात निराली।गीतों में छुपा है जीवन,कहानी उनकी कभी न … Read more

मनीभाई के दोहे ( Manibhai ke Dohe)

doha sangrah

मनीभाई के दोहे (1) जंगल मंदिर बन गये , शहर हुए अब खेत।मानव के करतूत से , हो गये पशु निश्चेत।। (2) मानव तेरी भूख ही , मांस नोच के खाय।है तू हिंसक पशु बड़ा, देखत सब थर्राय। (3) मानव रक्षक है प्रकृति ,मानव बन शैतान ।छोटे से सुख के लिए,काटत मुर्गा श्वान।। (4) प्रीत … Read more