होलिका दहन पर हिंदी कविता / पंकज प्रियम
होलिका दहन पर हिंदी कविता / पंकज प्रियम बुराई खत्म करने का प्रण करेंआओ फिर होलिका दहन करें।औरत की इज्जत का प्रण करें,आओ फिर होलिका दहन करें। यहां तो हर रोज जलती है नारीदहेज कभी दुष्कर्म की है मारीरोज कोई रावण अपहरण करेपहले इनका मिलकर दमन करेआओ फिर….. हर घर प्रह्लाद सा कुंठित जीवनमां बाप … Read more