वृक्ष की पुकार कविता -महदीप जंघेल
चंद पैसों के लिए वृक्ष का सौदा न करे। वृक्ष है, तो विश्व है। वृक्ष हमारी माँ के समान है, जो हमे जीवन प्रदान करके सब कुछ अर्पण करती है। अतः पेड़ लगाएं और पर्यावरण बचाएं🌻🌻
वृक्ष की पुकार – कविता, महदीप जंघेल
चंद पैसों के लिए वृक्ष का सौदा न करे। वृक्ष है, तो विश्व है। वृक्ष हमारी माँ के समान है, जो हमे जीवन प्रदान करके सब कुछ अर्पण करती है। अतः पेड़ लगाएं और पर्यावरण बचाएं🌻🌻
वृक्ष की पुकार – कविता, महदीप जंघेल
क्यों काट रहे हो जंगल (वन बचाओ आधारित कविता) क्यों कर रहे हो अहित अमंगल!क्यों काट रहे हो तुम जंगल!! धरती की हरियाली को तूने लूटा!बताओ कितने जंगल को तूने काटा!! वनों में अब न गुलमोहर न गूलर खड़ी है!हरी-भरी धरती हमारी बंजर पड़ी है!! अगर ये जंगल नहीं रहा तो, कजरी की गीत कहां … Read more
मानवता के खातिर अब वृक्ष लगाऐंगे। कटेंगे वृक्ष , जंगल में तो, कैसे होगा विश्व में मंगल, बढ़ती जनसंख्या से हो रहा, जब संसार में मानव – दंगल। पर्यावरण समस्या को सुलझाऐंगे, मानवता के खातिर अब वृक्ष लगाऐंगे। मधुमक्खियों का शहद और चिड़ियों की आवाज, कंद – मूल फल में छिपाहै स्वस्थ सेहत का राज। … Read more
पेड़ लगावव जिनगी बचावव-तोषण कुमार चुरेन्द्र रूख राई डोंगरी पहाड़ी रोवत हे पुरजोर…हावा पानी कहाँ ले पाबो करलव भैय्या शोर…. पेड़ लगावव जिनगी बचाववधरती दाई के प्यास बुझाववनदिया नरवा सूख्खा परगे,अब तो थोरिक चेत लगावव गली मुहल्ला सुन्ना परगे सुन्ना होगे गा खोर….हावा पानी कहाँ ले पाबो करलव भैय्या शोर…. कोरोना के कहर चलत हेमनखे … Read more
पेड़ धरा की शान है परमेश्वर साहू अंचल पेड़ धरा की शान है, नेक सफ़ल अभियान।आओ रोपें मिलकर, तजें तुच्छ अभिमान।। हवा शुद्ध करता यही, खास नेक पहचान।जड़ी बूटी है काम की, पूर्ण करें अरमान।। ताप उमस हरदम हरे, रक्षा करता धूप।शीतल छाया में सदा, निखरे हड़पल रूप।। डंठल पत्तल काम की, आते सारे काम।इससे … Read more