बस एक पेड़ ही तो काटा है -नदीम सिद्दीकी
बस एक पेड़ ही तो काटा है बस एक पेड़ ही तो उखाड़ा है साहब!अगर ऐसा न हो तो बस्तियां कैसे बसेगी?प्रगति,तरक्की,ख़ुशयाली कैसे आएगी? हमें आगे चलना है,पीछे नहीं रहना है,दुनिया के साथ चलकर आगे बढ़ना है।आगे बढ़ने की रफ्तार सही नहीं जाती,तुमसे इंसान की तरक्की देखी नहीं जाती।ये कैसी तरक्की है साहब? तुमने कभी … Read more