बस एक पेड़ ही तो काटा है -नदीम सिद्दीकी

बस एक पेड़ ही तो काटा है -नदीम सिद्दीकी

बस एक पेड़ ही तो काटा है बस एक पेड़ ही तो उखाड़ा है साहब!अगर ऐसा न हो तो बस्तियां कैसे बसेगी?प्रगति,तरक्की,ख़ुशयाली कैसे आएगी? हमें आगे चलना है,पीछे नहीं रहना है,दुनिया के साथ चलकर आगे बढ़ना है।आगे बढ़ने की रफ्तार सही नहीं जाती,तुमसे इंसान की तरक्की देखी नहीं जाती।ये कैसी तरक्की है साहब? तुमने कभी … Read more

क्यों काट रहे हो जंगल -बिसेन कुमार यादव’बिसु’ (वन बचाओ आधारित कविता)

क्यों काट रहे हो जंगल (वन बचाओ आधारित कविता) क्यों कर रहे हो अहित अमंगल!क्यों काट रहे हो तुम जंगल!! धरती की हरियाली को तूने लूटा!बताओ कितने जंगल को तूने काटा!! वनों में अब न गुलमोहर न गूलर खड़ी है!हरी-भरी धरती हमारी बंजर पड़ी है!! अगर ये जंगल नहीं रहा तो, कजरी की गीत कहां … Read more

मानवता के खातिर अब वृक्ष लगाऐंगे

मानवता के खातिर अब वृक्ष लगाऐंगे।   कटेंगे वृक्ष , जंगल में तो, कैसे होगा विश्व में मंगल, बढ़ती जनसंख्या से हो रहा, जब संसार में मानव – दंगल। पर्यावरण समस्या को सुलझाऐंगे, मानवता के खातिर अब वृक्ष लगाऐंगे। मधुमक्खियों का शहद और चिड़ियों की आवाज, कंद – मूल फल में छिपाहै स्वस्थ सेहत का राज। … Read more

पेड़ लगावव जिनगी बचावव-तोषण कुमार चुरेन्द्र

पेड़ लगावव जिनगी बचावव-तोषण कुमार चुरेन्द्र रूख राई डोंगरी पहाड़ी रोवत हे पुरजोर…हावा पानी कहाँ ले पाबो करलव भैय्या शोर…. पेड़ लगावव जिनगी बचाववधरती दाई के प्यास बुझाववनदिया नरवा सूख्खा परगे,अब तो थोरिक चेत लगावव गली मुहल्ला सुन्ना परगे सुन्ना होगे गा खोर….हावा पानी कहाँ ले पाबो करलव भैय्या शोर…. कोरोना के कहर चलत हेमनखे … Read more

वृक्षारोपण पर कविता

वृक्षारोपण पर कविता गिरा पक्षी के मुहं से दानाबस वही हुवा मेरा जनम!चालिस साल पुराना हु मैजरा करना मुझ पे रहम!! आज भी मुझको याद हैवह बिता जमाना कल!पहली किरण लि  सुर्य कीथा बहुत ही सुहाना पल!! जब था मै नया-नया तोथा छोटा सा आकार!धिरे-धिरे बड़ा हुआ तोफिर बड़ा हुआ आकार!! झेलनी पड़ी बचपन मे … Read more