धूप पर कविता – पुष्पा शर्मा
धूप पर कविता – पुष्पा शर्मा कोहरे की गाढी ओढनीहिमांकित रजत किनारी लगी।ठिठुरन का संग साथ लिया सोई रजनी अंधकार पगी। ऊषा के अनुपम रंगों नेसजाई अनुपम रंगोली,अवगुण्ठन हटा होले सेधूप आई ,ले किरण टोली। इठलाती बलखाती सी वोसब ओर छा रही है, धूप।नर्म सी सबको सहलातीभाया इसका रूप अनूप । नव जीवन संचार करतीसृष्टि … Read more