जन अदालत लघु कथा

जन अदालत लघु कथा बचाओ बचाओ बचाओ की आवाज सुन दद्दू झोपडी से बाहर झाँका तो सन्न रह गया।गाँव के पटवारी को वर्दीधारी नक्सली घसीटते हुए ले जा रहे थे।दद्दू को समझते देर न लगी आज फिर हत्या कर दी जाएगी।फिर कानो में आवाज सुनाई दी,”गाँव वालो घर से बाहर निकलो जनअदालत है।”छत्तीसगढ़ के घूर … Read more

चटनी पर कविता

चटनी पर कविता चटनी लहसुन पीसना,लेना इसका स्वाद।डाल टमाटर मिर्च को,धनिया रखना याद।। अदरक चटनी रोज ले,भागे दूर जुकाम।खाँसी सत्यानाश हो,करते रहना काम।। चटनी खाना आम की,मिलकर के परिवार।उँगली अपनी चाट ले,मुँह में आवे लार।। चंद करेला पीसकर,खाना इसको शूर।गुणकारी यह पेट का,रोग रहे सब दूर।। इमली चटनी भात में,खाते मानव लोग।दूर करे यह कब्ज … Read more

कोरोना पर दोहे

कोरोना पर दोहे विद्यालय सब बंद है,कोरोना का घात।नर नारी सब मास्क पर,कहते डर की बात।। हाथ विचारे देख के,रहते हैं चुपचाप।नहीं बताते कुछ हमें,कोरोना पर आप।। कोरोना के काट का,खोज करो सब आज।मरे नहीं कोई यहाँ,होवे खूब इलाज।। आवत रोगी देख के,काँपे सबके हाथ।डॉक्टर परिजन सब डरे,असली रिश्ते साथ।। धोते रहना हाथ को,मास्क रहे … Read more

नमक पर व्यंग्य

नमक पर व्यंग्य होटल में खाने के मेज पर छोटे छोटे छिद्रों वाले डिब्बे पड़े ही रहते हैं।कार्टून बने डिब्बे में नमक मिर्च भरे होते हैं, दाल सब्जी में नमक कम हो तो मन मर्जी डाल लो।लेकिन सब्जी में नमक ज्यादा होने पर सारा जायका बिगड़ जाता है।नमक को सब्जी का जान कह सकते हैं,पानी … Read more

बाल कविता – स्लेट बत्ती

बाल कविता – स्लेट बत्ती स्लेट बत्ती का  जानो मोललकीर बना लो या फिर गोल क ख ग घ लिखना हो या गिनतीपढ़ने को सब करते विनती बत्ती को घिस घिस कर देखेंटूटे जब जब उसको फेंके पानी को हाथों में लेतेगलत लिखते ही मिटा देते स्लेट बत्ती से हो शुरुवातलिखते पढ़ते रहें दिन रात … Read more