सामाजिक विषमता पर कविता- पद्म मुख पंडा
सामाजिक विषमता पर कविता- बही बयार कुछ ऐसी कविता संग्रह जूझ रहे जीने के खातिर,पल पल की आहट सुनकर,घोर यंत्रणा नित्य झेलते,मृत्यु देवता की धुन पर।सुख हो स्वप्न, हंसी पागलपन,और…
यहाँ पर हमने सामाजिक विषमता पर कविताओं का संकलन किया है .
सामाजिक विषमता पर कविता- बही बयार कुछ ऐसी कविता संग्रह जूझ रहे जीने के खातिर,पल पल की आहट सुनकर,घोर यंत्रणा नित्य झेलते,मृत्यु देवता की धुन पर।सुख हो स्वप्न, हंसी पागलपन,और…
मृत्युभोज पर कविता मृत्युभोज(16,14)जीवन भर अपनो के हित में,मित हर दिन चित रोग करे।कष्ट सहे,दुख भोगे,पीड़ा ,हानि लाभ,के योग करे,जरा,जरापन सार नहीं,अबबाद मृत्यु के भोज करे।बालपने में मात पिता प्रिय,निर्भर…
सामाजिक बदलाव पर छत्तीसगढ़ी कविता छत्तीसगढ़ी कविता करलई होगे संगी ,करलई होगे गा।छानी होगे ढलई ,करलई होगे गा ।।पहिली के माटी घर ,मोला एसी लागे।करसी के पानी म ,मोर पियास…