मेरे गिरधर, मेरे कन्हाई जी / रचयिता:-डी कुमार–अजस्र
प्रस्तुत गीत या गेय कविता/भजन —- मेरे गिरधर, मेरे कन्हाई जी —डी कुमार–अजस्र द्वारा स्वरचित गीत या भजन के रूप में सृजित है ।
प्रस्तुत गीत या गेय कविता/भजन —- मेरे गिरधर, मेरे कन्हाई जी —डी कुमार–अजस्र द्वारा स्वरचित गीत या भजन के रूप में सृजित है ।
राधा और श्याम की प्रेम कविता तू मेरी राधा मैं तेरा श्याम हूं।तुमसे प्रेम करके मैं बदनाम हूं। तुझे देखें बिन ,मेरी जीवन की बांसुरी में सूर कहां? तू है मेरे साथ तो सुंदर लगता है,यह सारा जहां। बस तेरी ही धुन में रमे रहूं बस दिन रात तेरा नाम लूं। तू मेरी राधा मैं … Read more
श्याम कैसे मिले राधा से–स्वपन बोस श्याम कैसे मिले राधा से।राधा कृष्ण तो एक है ,फिर भी श्याम जुदा है राधा सेश्याम कैसे मिले राधा से,,,,,,। प्रेम की ये कैसी पीड़ा है आंसू हैं विरह के दोनों ओर , जैसे जल बिन मीन तरसे।बीन मेघ सावन में प्रेम की आंसू बरसें।श्याम कैसे मिले राधा से,,,,,। … Read more
श्री राधा अष्टमी पर हिंदी कविता सनातन धर्म में भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि श्री राधाष्टमी के नाम से प्रसिद्ध है। शास्त्रों में इस तिथि को श्री राधाजी का प्राकट्य दिवस माना गया है। श्री राधाजी वृषभानु की यज्ञ भूमि से प्रकट हुई थीं। राधा पुकारे तोहे राधा पुकारे तोहे श्याम हाथ जोड़ कर।आ जाओ मोहन प्यारे मथुरा को छोड़ कर।।आ … Read more