सड़क पर कविता
सड़क पर कविता अजगर के जीभ सी ये सड़कसड़क नहीं है साहब….चीरघर है।हर दस मिनट में यहाँहोती हैं हलाल…इन द्रुतगामी वाहनों से।रोज होते सड़क हादसों सेलीजिए सबकजरा सावधानी सेकीजिए सफरक्या तुम्हें नहीं हैजिन्दगी से प्यारनहीं ,तो उनके बारे में सोचिएजो मानते हैं आपको संसार।जरा संभलकर चलिए हुजूरसड़कों पर गाड़ियाँ नहींयमराज गस्त लगाते हैंयहाँ रिपोर्ट दर्ज … Read more