खुद से वादा – सुशी सक्सेना

खुद से वादा साहिब, खुद से भी एक वादा करना है।मंजिल तक पहुंचने का इरादा करना है।नित नए संघर्ष होंगे, जीवन के पथ पर,मगर सवार हो कर, उत्साह के रथ पर।कांटों भरा हो या फूलों भरा, जारी ये सफ़र रखना,कदम जमीं पर हो, और आसमां पर नजर रखना।मुश्किलें सर झुका दें, तेरे कदमों पर,नित नए … Read more

तेरी यादों का सामान – सुशी सक्सेनास

तेरी यादों का सामान तेरी यादों का सामान अभी भी पड़ा है मेरे पासजो दिलाता है तेरे करीब होने का अहसास।कुछ मुस्कुराहटें जो दिल में घर कर गई, और कुछ चाहतें जो मुझे पागल कर गई। तुझसे जुड़े हुए कुछ हंसी लम्हें प्यार भरेकुछ लफ्ज़ तेरे होठों से निकले इकरार भरेकुछ बातें जो अपनेपन का … Read more

इंदौर की कवयित्री सुशी सक्सेना की कविताएं

यहाँ पर इंदौर की कवयित्री सुशी सक्सेना की कविताएं आपके समक्ष प्रस्तुत किये किये जा रहे हैं ये इश्क ये इश्क का ही तो असर है,कि नजर भी जुबां बन जाती है।आपकी तारीफ में कुछ कहूं,तो ग़ज़ल बन जाती है। ये इश्क की इंतहा, नहीं तो क्या है,कि जिस तरफ भी देखती हूं,आपकी सूरत नज़र … Read more