समय की चाल – पद्म मुख पंडा
समय की चाल सहज नहीं, जीवन भी जीना, नित उत्साह जरूरी है।हार गया, जो मन से, मानव की यह आदत, बूरी है।आएंगे तूफ़ान किस घड़ी, किसको भला पता है,निर्भय होकर, रहो जूझते, मिले सफलता पूरी हैज्ञानार्जन है बहुत जरूरी, बिना ज्ञान क्या कर सकते?विद्वतजन के साथ रहें तो, ये जीवन की धूरी है!है परिवर्तन शील … Read more